मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बड़ा तोहफा: संबल योजना में सिंगल क्लिक से 150 करोड़ रुपये ट्रांसफर
जबलपुर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार को जबलपुर के बरगी में आयोजित कार्यक्रम में संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता के 6821 प्रकरणों में 150 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक से हितग्राहियों के खातों में अंतरित करेंगे। इस अवसर पर श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, अन्य मंत्रीगण, सांसद, विधायक एवं प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।
असंगठित श्रमिकों का सच्चा संबल बनी योजना
संबल योजना प्रदेश के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लाखों श्रमिकों के लिए आर्थिक सुरक्षा की मजबूत दीवार बन चुकी है। योजना की शुरुआत से अब तक 1 करोड़ 76 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन किया जा चुका है और यह प्रक्रिया लगातार जारी है।
योजना के अंतर्गत दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रुपये, सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रुपये, स्थायी अपंगता पर 2 लाख रुपये तथा आंशिक स्थायी अपंगता पर 1 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। अंत्येष्टि सहायता के रूप में भी 5 हजार रुपये का प्रावधान है।
महिला श्रमिकों और बच्चों को भी मिल रहा लाभ
महिला श्रमिकों को संबल योजना में 16 हजार रुपये की प्रसूति सहायता दी जाती है। इसके अलावा श्रमिकों के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए महाविद्यालय शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत संपूर्ण शिक्षण शुल्क राज्य सरकार वहन कर रही है।
भारत सरकार के नीति आयोग के निर्देश पर गिग एवं प्लेटफॉर्म वर्कर्स को भी संबल योजना में शामिल किया गया है और उन्हें भी सभी लाभ मिल रहे हैं। साथ ही, संबल हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची भी दी जा रही है, जिससे वे रियायती दर पर राशन प्राप्त कर रहे हैं।
देश के लिए आदर्श मॉडल बनी संबल योजना
संबल योजना को श्रमिकों के जीवन चक्र की संपूर्ण सुरक्षा देने वाली योजना माना जा रहा है। जन्म से लेकर मृत्यु तक आर्थिक सहारा देने वाली यह योजना आज देशभर के लिए अनुकरणीय मॉडल बन चुकी है।
इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार द्वारा निर्माण श्रमिकों के लिए भी विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें मृत्यु, स्थायी एवं आंशिक अपंगता पर सहायता दी जाती है। सभी संबल हितग्राहियों को आयुष्मान भारत निरामय योजना के तहत सालाना 5 लाख रुपये तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा भी प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह पहल श्रमिकों के प्रति प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता और उनकी आर्थिक मजबूती की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।