MP : नर्मदापुरम (मध्य प्रदेश)। नर्मदापुरम जिले के हथवास स्थित एक शासकीय स्कूल के प्राचार्य पर महिला शिक्षिकाओं से अभद्र व्यवहार और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं। मामला सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने जांच बैठाई और प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर प्राचार्य के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की सिफारिश की है।
प्राचार्य पर लगे आरोप
पीड़ित महिला शिक्षिका ने आरोप लगाया है कि स्कूल के 50 वर्षीय प्राचार्य सुरेश श्रीवास्तव ने उन्हें निजी संदेश भेजकर प्यार का इजहार किया। शिकायत के अनुसार, प्राचार्य ने हिंदी फिल्म के गीत की पंक्तियों के साथ I Love You लिखकर वॉट्सऐप पर मैसेज भेजा और जवाब ‘हाँ’ या ‘ना’ में देने की मांग की। शिक्षिका ने जब इस पर आपत्ति जताई और उन्हें अपने पिता समान बताया, तो प्राचार्य ने कथित तौर पर उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया।
केवल एक शिक्षिका ही नहीं, बल्कि विद्यालय की आठ से अधिक महिला शिक्षिकाओं ने भी प्राचार्य पर उत्पीड़न और दबाव डालने जैसे आरोप लगाए हैं।
शिकायत और जांच
17 सितंबर को पीड़िता ने पिपरिया खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) और जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत सौंपी। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ज्योति प्रहलादी ने तुरंत तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर हथवास भेजा। प्रारंभिक जांच में शिक्षिकाओं के आरोप सही पाए गए।
जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नर्मदापुरम संयुक्त संचालक को रिपोर्ट भेजकर प्राचार्य को निलंबित करने का प्रस्ताव भेज दिया है।
प्राचार्य का पक्ष
जब इस मामले में प्राचार्य से सफाई मांगी गई तो उन्होंने कहा कि यह मैसेज गलती से चला गया था। उन्होंने बीमारी का हवाला देते हुए बताया कि रक्तचाप (बीपी) की दवा न लेने की वजह से उनसे यह गलती हुई। उनका कहना है कि अब मामले को लेकर दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है।
फिर भी, शिक्षिकाओं के लगातार लगाए जा रहे आरोप और शिकायतों के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने उन्हें 20 सितंबर से चिकित्सा अवकाश पर जाने की अनुमति दी है।
संदेशों में क्या लिखा था ?
सूत्रों के मुताबिक, प्राचार्य ने वॉट्सऐप पर शिक्षिका को जो संदेश भेजे, उनमें लिखा था:
फूल तुम्हें भेजा है खत में, फूल नहीं मेरा दिल है। तुम बहुत अच्छी लगती हो। I love you and you.
इसके आगे उन्होंने लिखा, मुझे आपका जवाब यस या नो में चाहिए।
एक और संदेश में लिखा गया, स्कूल में तुम सबसे भरोसेमंद हो, I love you, किसी से कहना मत।
शिक्षिका ने इन संदेशों का जवाब देते हुए लिखा, “आप मेरे पिता जैसे हैं।” इसके बावजूद जब प्राचार्य ने अपना रवैया नहीं बदला, तो उन्होंने उच्च अधिकारियों से शिकायत करने का निर्णय लिया।
शिक्षा विभाग की कार्रवाई
इस पूरे विवाद ने शिक्षा विभाग को भी सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। महिला शिक्षकों के आरोपों और जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्राचार्य सुरेश श्रीवास्तव का निलंबन लगभग तय माना जा रहा है। विभाग ने साफ किया है कि महिला शिक्षिकाओं के सम्मान और सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।