सागर। सागर अब उड़ान भरना चाहता है ! यही भावना बुधवार को लोकसभा में गूंज उठी जब सागर सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने सदन में अपने क्षेत्र के लिए स्वतंत्र नागरिक हवाई अड्डे की मांग रखी। उन्होंने कहा कि सागर न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे बुंदेलखंड अंचल का शैक्षणिक, सैन्य, औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र है, बावजूद इसके आज तक यहां एक भी कार्यरत हवाई अड्डा नहीं है।
डॉ. वानखेड़े ने अपने वक्तव्य में बताया कि सागर में डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, आर्मी कैंटोनमेंट, और कई अहम संस्थान हैं, जो यहां एक एयरपोर्ट की आवश्यकता को और भी जरूरी बनाते हैं। उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में ₹50,000 करोड़ की लागत से बिना रिफाइनरी परियोजना भी प्रस्तावित हुई है, जो इस क्षेत्र को औद्योगिक मानचित्र पर नई पहचान देगी।
सांसद ने यह भी स्पष्ट किया कि सागर से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट भोपाल, जबलपुर और खजुराहो—लगभग 200 से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। खजुराहो भले ही अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल है, लेकिन वह भी सागर के आम नागरिकों, छात्रों, उद्योगपतियों और मेडिकल इमरजेंसी की जरूरतों को समय पर पूरा नहीं कर पाता।
सांसद ने कहा सागर को अब हवाई संपर्क की ज़रूरत है, ताकि यह उड़ान की रफ्तार से विकास कर सके
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस मांग पर कितनी गंभीरता से विचार करती है और क्या सागर वासियों को जल्द ही आसमान से जुड़ने का मौका मिलेगा।