मध्य प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस ने रिटायर्ड आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार को लोकायुक्त की टीम ने उनके ग्वालियर, उज्जैन और इंदौर स्थित आवास और अन्य ठिकानों पर एक साथ ताबड़तोड़ छापेमारी की। जांच के दौरान अधिकारियों को करोड़ों रुपये की संपत्ति, कैश, सोना, चांदी, विदेशी मुद्रा और लग्जरी वाहनों का जखीरा मिला है, जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है।
करोड़ों की संपत्ति से पर्दा उठा
लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार, धर्मेंद्र भदौरिया के पास इतने वर्षों तक आबकारी विभाग में नौकरी करने के बाद उनकी वैध आय के हिसाब से सिर्फ लगभग 2 करोड़ रुपये की संपत्ति होनी चाहिए थी। लेकिन टीम ने प्राथमिक जांच में यह खुलासा किया है कि उनके पास 8 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। यह जब्त और जांच योग्य संपत्ति ग्वालियर, इंदौर और उज्जैन में फैली हुई बताई जा रही है।टीम ने इंदौर के कैलाश कुंज अपार्टमेंट, चार ऑफिसों, अवि ग्रीन फ्लैट और काउंटी वॉक कॉलोनी में निर्माणाधीन मकान पर भी तलाशी अभियान चलाया। सभी ठिकानों पर छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में कीमती वस्तुएं और नकदी बरामद हुई हैं।
जांच में मिले ये ठोस सबूत
लोकायुक्त अधिकारियों को भदौरिया के ठिकानों से डेढ़ किलो सोने की बार, करीब एक किलो सोने के आभूषण, ढाई किलो से ज्यादा चांदी, 75 लाख रुपये नकद और कई महंगी विदेशी घड़ियां तथा परफ्यूम मिले हैं। इसके अलावा उनके कब्जे से एक रिवाल्वर और रायफल भी बरामद की गई है। अधिकारियों के अनुसार यह संपत्ति भदौरिया की आय के स्रोतों की तुलना में अत्यधिक है, जिससे केस में भ्रष्टाचार और अवैध कारोबार की संभावना मजबूत हो गई है।
हाल ही में हुए सेवानिवृत्त
धर्मेंद्र भदौरिया ने 1987 में आबकारी विभाग में सब-इंस्पेक्टर के रूप में सेवा शुरू की थी। लंबी नौकरी के बाद वे 31 अगस्त 2025 को जिला आबकारी अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। रिटायरमेंट के कुछ ही हफ्तों के भीतर उनकी संपत्तियों को लेकर की गई यह कार्रवाई प्रशासनिक और लोकायुक्त दोनों के स्तर पर चर्चा में है।
अवैध शराब कारोबार के आरोपों पर भी जांच
भदौरिया पर उनके समधी एके सिंह के साथ मिलकर मध्य प्रदेश और गुजरात में अवैध शराब के कारोबार में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। लोकायुक्त टीम को प्रारंभिक जानकारी मिली है कि दोनों द्वारा संचालित नेटवर्क गुजरात में सक्रिय है, जहां से बड़ी मात्रा में शराब की सप्लाई का संदेह जताया जा रहा है। फिलहाल, पुलिस इन आरोपों की विस्तृत जांच कर रही है और आर्थिक अपराध विभाग को भी रिपोर्ट भेजी गई है।आगे की कार्रवाईलोकायुक्त अधिकारियों ने कहा है कि संपत्ति के साभ्य स्रोतों की जांच की जाएगी। भदौरिया और उनके परिजनों की बैंक खातों, निवेश और प्रॉपर्टी डील से जुड़ी जानकारी खंगाली जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, और आगे जांच पूरी होने के बाद इस केस में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।








