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बाघ नाखून तस्करी में बड़ा खुलासा: फरार आरोपी सतीश भलावी गिरफ्तार, जंगल से मिला संदिग्ध कंकाल

बालाघाट, उकवा। उत्तर उकवा वनपरिक्षेत्र ...

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बालाघाट, उकवा। उत्तर उकवा वनपरिक्षेत्र में चार साल पुराने बाघ नाखून तस्करी मामले का नया रहस्य उजागर हुआ है। वन विभाग की टीम ने ग्राम मैरा निवासी सतीश भलावी को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से फरार चल रहा था। पूछताछ के दौरान आरोपी ने चौंकाने वाला खुलासा किया, जिसके बाद मैरा लामता के जंगल में खुदाई कर बाघ का संदिग्ध कंकाल बरामद किया गया।पूछताछ में खुला बाघ नाखून का राजवन विभाग अधिकारियों के अनुसार, 18 अक्टूबर को सतीश की निशानदेही पर उस स्थान की खुदाई कराई गई जहां से उसने बाघ के नाखून निकाले थे। खुदाई में बाघ के सिर वाले हिस्से का कंकाल बरामद हुआ है। हालांकि अधिकारियों ने साफ किया कि फिलहाल यह पुष्टि नहीं हो सकी है कि कंकाल बाघ का ही है।
कंकाल के नमूने जबलपुर की फॉरेंसिक लैब भेजे गए हैं, जहां जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि वह किस वन्य प्राणी का अवशेष है।ऐसे सामने आया मामलायह मामला 12 अक्टूबर को तब प्रकाश में आया जब ग्राम छपरवाही के पास अमरूटोला रोड पर चार व्यक्ति बाघ के नाखून बेचने की तैयारी में थे। वन विभाग की टीम के पहुंचते ही आरोपी भागने लगे। मौके पर दो व्यक्तियों — महेंद्र मडावी और महेंद्र राऊत — को गिरफ्तार किया गया। इनकी तलाशी के दौरान एक लाल कपड़े की पोटली में बंधे 13 बाघ नाखून बरामद हुए।
जबकि उस समय सतीश भलावी और नाखून खरीद-बिक्री में शामिल व्यापारी किशोर उर्फ नंदकिशोर पटले भागने में सफल हो गए थे।चार साल पहले जंगल में मिला था मृत बाघगिरफ्तारी के बाद सतीश ने पूछताछ में बताया कि ये नाखून चार साल पहले उसे ग्राम मैरा के जंगल में एक मृत बाघ के शव से मिले थे। वह उस समय अपनी पत्नी के साथ लकड़ी लेने गया था, जहां बाघ का कंकाल पड़ा हुआ था। तभी उसने 18 नाखून निकालकर घर में रख लिए थे।
बाद में उसकी मुलाकात नाखूनों के खरीदारों से हुई और उसने उन्हें बेचने का प्रयास किया। इसी दौरान वन विभाग की टीम ने उसे पकड़ लिया।बाकी आरोपी अब भी फरारइस तस्करी प्रकरण में अब तक तीन आरोपियों — महेंद्र मडावी, महेंद्र राऊत और सतीश भलावी — को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेजा जा चुका है। जबकि किशोर उर्फ नंदकिशोर पटले अब भी फरार है और वन विभाग उसकी तलाश में जुटा हुआ है।वन विभाग ने फरार आरोपी को पकड़ने के लिए सात सदस्यीय विशेष टीम गठित की है, जिसमें अनुभवी अधिकारी और फॉरेस्ट गार्ड शामिल हैं।फॉरेंसिक जांच के बाद होगा पूरा सच उजागरमुख्य वन संरक्षक (CCF) गौरव चौधरी ने बताया कि जंगल से मिले कंकाल के नमूने जबलपुर फॉरेंसिक लैब भेज दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने पर यह स्पष्ट होगा कि बरामद कंकाल बाघ का है या किसी अन्य वन्य जीव का।उन्होंने कहा कि टीम पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि तस्करी से जुड़े सभी नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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