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मालथौन में डीएपी खाद गुमशुदा मामला: 90 टन में से 30 टन रहस्यमय तरीके से लापता, किसानों में बढ़ी चिंता

मालथौन (सागर)। रवि फसल की ...

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मालथौन (सागर)। रवि फसल की बुवाई के बीच पहले से ही खाद की किल्लत का सामना कर रहे किसानों के लिए अब एक और हैरान करने वाली खबर सामने आई है। मालथौन के ‘डबल लॉक’ केंद्र को राज्य सरकार द्वारा 90 टन डीएपी खाद आवंटित की गई थी, लेकिन किसानों तक केवल 60 टन ही पहुंच सका। बाकी 30 टन खाद का कोई अता-पता नहीं है। यह गायब माल कृषि विभाग और प्रशासन के लिए जांच का गंभीर विषय बन गया है।

30 टन खाद का पता नहीं, अधिकारी चुप

कृषि विभाग के वरिष्ठ विस्तार अधिकारी ने जानकारी दी कि अब तक क्षेत्र में किसानों के लिए सिर्फ 60 टन डीएपी की ही आपूर्ति हो सकी है, जबकि आधिकारिक रूप से 90 टन खाद वितरण के लिए स्वीकृत था। अधिकारी ने स्वीकार किया कि शेष 30 टन खाद अभी तक मालथौन तक नहीं पहुंचा है। सवाल यह उठता है कि क्या सागर से कम मात्रा में खाद भेजी गई थी, या फिर बीच रास्ते में ही किसी ने पूरा माल ‘गायब’ कर दिया।जब इस संबंध में सागर जिले के जिला विपणन अधिकारी (डीएमओ) से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। वहीं, स्थानीय अधिकारियों ने भी इस मामले पर कुछ भी स्पष्ट कहने से परहेज किया।

चर्चा में गुम हुआ ट्रक

क्षेत्र में चर्चा यह है कि डीएपी खाद लेकर आया एक ट्रक बीच रास्ते में ही रहस्यमय ढंग से गायब हो गया। सहकारिता विभाग से जुड़े कर्मचारियों ने पुष्टि की कि फिलहाल दो ट्रकों में करीब 60 टन यानि लगभग 1200 बोरियां डीएपी की आई थीं, जिनका वितरण किया जा चुका है। लेकिन तीसरे ट्रक का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।सूत्रों की मानें तो सागर जिले को फ्रेट रैक संख्या 1102/क्रक्र हृश. 25092622134 के माध्यम से कुल 2763.600 मीट्रिक टन खाद प्राप्त हुई थी। इसी में से राज्य शासन और विपणन संघ के निर्देशों के तहत मालथौन के लिए 90 टन डबल लॉक में रखे जाने का आदेश था।

किसानों को दो-दो जगह लगी लाइनें

डीएपी की कमी और वितरण में अव्यवस्था से किसानों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। खाद वितरण के लिए टोकन नए कृषि उपज मंडी परिसर में बांटे गए, जबकि वितरण पुरानी मंडी से कराया गया। इससे किसानों को दो जगह लाइन लगाने पर मजबूर होना पड़ा और पूरे दिन अफरा-तफरी मची रही।

ब्लैक मार्केटिंग के आरोप तेज

इस बीच किसानों और स्थानीय लोगों में डीएपी खाद की ब्लैक मार्केटिंग को लेकर चर्चा जोरों पर है। कुछ किसानों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि खिमलासा, बांदरी और आसपास के गांवों में डीएपी खाद 1800 रुपये प्रति बोरी के भाव से ब्लैक में बेची जा रही है। जबकि सरकारी दरों पर अधिकृत समितियों में किसानों को खाद नहीं मिल रही।

बढ़ती किल्लत से किसान बेहाल

रवि फसल की बुवाई का अहम समय गुजरता जा रहा है। ऐसे में खाद की इस कमी ने किसानों को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। कई किसान दिन-रात मंडियों और सहकारी समितियों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिलने से खेती का काम रुका हुआ है।

जांच की मांग

किसान संगठनों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि खाद की आपूर्ति व वितरण में हुई अनियमितताओं की पारदर्शी जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। किसानों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाया तो बुवाई पर गहरा असर पड़ेगा और फसलों की पैदावार प्रभावित हो सकती है।

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