ईडी का छापा: महू/इंदौर। राष्ट्रीय राजमार्ग और पुलों के निर्माण में बड़ा नाम रखने वाले पाथ इंडिया ग्रुप पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह व्यापक छापेमारी की। ईडी की टीम ने कंपनी के मुख्यालय और निदेशकों के आवासों पर एक साथ दबिश दी, जहां से कई अहम दस्तावेज, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। शुरुआती जांच में हवाला कारोबार और मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत मिले हैं।
एक साथ कई ठिकानों पर कार्रवाई
सुबह अलग-अलग वाहनों में पहुंची ईडी टीम ने महू स्थित मुख्यालय के साथ-साथ कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के घरों की तलाशी ली। कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) नितिन अग्रवाल हैं, जबकि नीति अग्रवाल, सक्षम अग्रवाल, निपुण अग्रवाल और संतोष अग्रवाल डायरेक्टर के पद पर हैं। सभी के आवासों से संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल डाटा बरामद किया गया है।
अनिल अंबानी लोन घोटाले से कनेक्शन की जांच
छापे को उद्योग जगत में चर्चित अनिल अंबानी के लोन घोटाले से भी जोड़ा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, संदेह है कि अनिल अंबानी की एक कंपनी का पाथ इंडिया ग्रुप के साथ कुछ प्रोजेक्ट्स में समझौता हुआ था। इसी संदर्भ में ईडी को मनी फ्लो की जांच करने के लिए ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी।
इंदौर और आसपास में बड़े प्रोजेक्ट पूरे कर चुका ग्रुप
पाथ इंडिया ग्रुप लंबे समय से मध्यप्रदेश में सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सक्रिय रहा है। कंपनी ने इंदौर में एमआर-10 ब्रिज मल्टीलेवल पार्किंग इंदौर-खलघाट रोड इंदौर-मंडलेश्वर मार्ग जैसे कई अहम काम किए हैं। इन परियोजनाओं ने शहर और क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत किया, लेकिन कंपनी के आर्थिक लेन-देन को लेकर बार-बार सवाल उठते रहे हैं।
पहले भी टैक्स चोरी में फंसा था ग्रुप
यह पहला मौका नहीं है जब पाथ इंडिया ग्रुप जांच एजेंसियों के निशाने पर आया है। लगभग दस साल पहले आयकर विभाग ने भी इस ग्रुप पर छापा मारा था। उस समय भी टैक्स चोरी के मामले सामने आए थे। अब दोबारा ईडी की कार्रवाई ने कंपनी की गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिनभर चली सर्चिंग
मंगलवार सुबह शुरू हुई ईडी की तलाशी दोपहर तक जारी रही। जांच एजेंसी ने सभी बरामद दस्तावेजों और जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अपने कब्जे में लेकर विस्तृत जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि आगे की छानबीन के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि पाथ इंडिया ग्रुप की संलिप्तता किस हद तक है और हवाला व मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में किन-किन कंपनियों से इसके संबंध रहे हैं।
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