रिश्वत लेते पकड़े गए सहकारी समिति प्रबंधक को चार साल की जेल, कोर्ट ने सुनाया सख्त फैसला
सागर। नयानगर सेवा सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक विनोद जैन को रिश्वत लेने के मामले में सागर की विशेष अदालत ने चार साल के सश्रम कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह सजा विशेष न्यायाधीश शहाबुद्दीन हाशमी की अदालत द्वारा सुनाई गई। प्रकरण में शासन की ओर से एडीपीओ एल.पी. कुर्मी ने पक्ष रखा।
क्या था पूरा मामला?
नाहरमऊ निवासी वीरेंद्र साहू ने 12 दिसंबर 2022 को लोकायुक्त एसपी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि उनके चाचा मंगल सिंह ने गौरझामर क्षेत्र की नयानगर सेवा सहकारी समिति में धान विक्रय हेतु पंजीयन कराया था। वीरेंद्र साहू ने बटाई पर ली गई जमीन की धान की तुलाई 9 दिसंबर को खरीदी केंद्र पर कराई, जिसमें 73 बोरी में 28 क्विंटल 80 किलोग्राम धान की तौल हुई।
शिकायत के अनुसार, तुलाई के बाद सहायक प्रबंधक विनोद जैन ने कच्ची पर्ची तो जारी कर दी, लेकिन पोर्टल पर फीडिंग कर पक्की रसीद देने के लिए 4,000 रुपये की रिश्वत की मांग की।
लोकायुक्त ने किया ट्रैप, रंगेहाथ पकड़ा
शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त टीम ने 16 दिसंबर 2022 को योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए नयानगर में विनोद जैन को 4,000 रुपये लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर विस्तृत जांच की गई और फिर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया।
अदालत ने दिया सख्त संदेश
सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश ने लोकायुक्त की कार्रवाई और प्रस्तुत साक्ष्यों को पूर्णतः विश्वसनीय माना और आरोपी को दोषी ठहराया। अदालत ने यह कहते हुए चार साल की कठोर सजा और दस हजार रुपये जुर्माना सुनाया कि
सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भ्रष्टाचार जैसे मामलों में कठोर दंड अनिवार्य है।
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