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सागर : अवैध शराब बंद कराने का अनोखा आंदोलन: ‘अगर नहीं रुकी शराब बिक्री, तो तहसील में लगायेंगे फांसी’

सागर/बीना। जहां ज्यादातर लोग अपनी ...

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सागर/बीना। जहां ज्यादातर लोग अपनी समस्याओं को लेकर आवेदन देकर चुप बैठ जाते हैं, वहीं बीना के लहरावदा गांव की महिलाओं ने अवैध शराब के खिलाफ अनोखा और साहसिक तरीका अपनाया है। ये महिलाएं अब प्रशासन की अनदेखी से इतनी त्रस्त हो चुकी हैं कि उन्होंने सीधे तहसील कार्यालय में फांसी लगाने की चेतावनी दे दी। भीषण गर्मी में भी इन महिलाओं का हौसला देखने लायक था, जब वे गले में रस्सी डालकर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करती नजर आईं।

वर्षों से झेल रही थीं शराब का जहर

लहरावदा गांव की महिलाओं का कहना है कि उनके गांव में वर्षों से अवैध शराब बेची जा रही है। इसके कारण गांव का माहौल बिगड़ गया है, बच्चे शराब की गिरफ्त में जा रहे हैं और घर-घर कलह की स्थिति बन गई है। उन्होंने कई बार प्रशासन को शिकायतें दीं, मगर हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला।

थैले में रस्सी लेकर पहुंचीं महिलाएं

प्रदर्शन कर रही महिलाएं खास तैयारी के साथ तहसील कार्यालय पहुंचीं। वे अपने साथ थैले में रस्सी लेकर आई थीं और गले में रस्सी डालकर चेतावनी दी कि यदि अब भी प्रशासन ने अवैध शराब की बिक्री नहीं रोकी, तो वे तहसील कार्यालय में आत्महत्या करने के लिए मजबूर होंगी।

महिलाओं ने बताया कि गांव के कई घर बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके हैं, बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है, लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है।

महिलाओं ने सौंपा ज्ञापन

प्रदर्शन के बाद महिलाओं ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और अवैध शराब के कारोबार पर तुरंत रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगी।

 

सुनिए क्या कहती हैं महिलाएं

पुष्पा, शिकायतकर्ता:

“हम सालों से बोल रहे हैं, मगर कोई सुनता नहीं। अब मजबूरी में रस्सी साथ लाए हैं। अगर शराब नहीं बंद हुई, तो जान दे देंगे। हमारे बच्चे बर्बाद हो रहे हैं, घर टूट रहे हैं।”

प्रशासन के लिए खुली चेतावनी

महिलाओं का यह कदम अब प्रशासन के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है। क्या अब भी जिम्मेदार अधिकारी हरकत में आएंगे? क्या गांव में अवैध शराब का कारोबार रुकेगा? महिलाओं के इस अनोखे विरोध ने निश्चित रूप से पूरे इलाके का ध्यान खींचा है।

लहरावदा गांव की इन बहादुर महिलाओं ने यह दिखा दिया कि जब सहने की हद पार हो जाती है, तो आम लोग भी असाधारण कदम उठाने से पीछे नहीं हटते। अब देखना यह है कि प्रशासन इनकी फरियाद को कब तक अनसुना करता है या अब कोई ठोस कार्रवाई होती है।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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