समय पर काम नहीं किया? तो भरिए जुर्माना! 32 अधिकारियों पर कलेक्टर ने ठोका 41 हजार का जुर्माना
सागर। सरकारी दफ्तर में अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि “काम समय पर नहीं होता”, “फाइल धूल खा रही है” और “अधिकारी साहब मिलते नहीं”… लेकिन इस बार बात हल्के में नहीं ली गई।
सागर जिले में काम में ढिलाई और जनता को समय पर सेवा न देने वालों पर कलेक्टर संदीप जी.आर. ने सीधा डंडा चला दिया है। 32 पदस्थ अधिकारियों पर कुल ₹41,000 से ज्यादा का जुर्माना ठोंका गया है — क्योंकि साहब लोग न तो समय पर फाइल निपटा रहे थे और न ही अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से ले रहे थे।
सबसे पहले कटे जनपद पंचायत राहतगढ़ के सीईओ एस.के. प्रजापति का चालान
सूची में सबसे ऊपर नाम है राहतगढ़ जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.के. प्रजापति का। इसके अलावा 31 ग्राम सचिव भी इस कार्रवाई की चपेट में आए हैं, जिन पर एक-एक करके जुर्माने का प्रस्ताव भेजा गया।
काम में ढिलाई, लोक सेवा गारंटी का उल्लंघन
दरअसल, इन सभी अधिकारियों ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 7(क) का उल्लंघन किया है। इनका कसूर था – आवेदन समय पर न सुलझाना और प्रक्रियाएं लटकाना। और भाई, सरकार अब ‘चलता है’ मोड में नहीं है। इसलिए कलेक्टर ने जुर्माना ठोंकने का आदेश दिया और कहा कि तीन दिन में पैसा जमा करो, वरना और सख्त कार्रवाई होगी।
कौन-कौन आया कार्रवाई की जद में? देखिए पूरी VIP लिस्ट
यहां तो मानो एक ‘लापरवाही एक्सप्रेस’ चली थी। सूची इतनी लंबी है कि गांव से शहर तक हर मोड़ पर कोई न कोई फंसा ही मिला:
नरेंद्र (जैसीनगर), मुकुंदी यादव (सेमरासानौधा), विसराम लोधी (गूगराखुर्द), गिरवर सिंह (बरखेरा), राजकुमार चौबे (पिडरूआ और साजी – दोनों जगह!),
समीर सिंह, भूपेन्द्र सिंह, प्रकाश अहिरवार, मनीष जैन, भगवानदास, भैयाराम, लक्ष्मीकांत दुबे, फूलसिंह सेन…
और हां, एस.के. प्रजापति का नाम तो विशेष सम्मान के साथ सबसे ऊपर है!
अब संदेश साफ है – लापरवाही पर अब नहीं मिलेगा छूट का पास
कलेक्टर संदीप जी.आर. का यह कदम साफ संकेत है कि सरकारी सिस्टम को अब चुस्त-दुरुस्त बनाने की तैयारी है। अगर अधिकारी जनता के साथ न्याय नहीं करेंगे, तो उनके साथ सख्ती तय है।
तो जनाब, अगर आप भी किसी दफ्तर में बैठे हैं और फाइलें टेबल पर ‘आराम’ कर रही हैं… तो ज़रा संभल जाइए! अब देरी सिर्फ जनता की नहीं, आपकी जेब पर भी भारी पड़ सकती है।