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शिवपुरी। जिले के पोहरी तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। शुक्रवार को लोकायुक्त पुलिस ने तहसील में पदस्थ बाबू पुनीत गुप्ता को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। बाबू, तहसीलदार के नाम पर किसान से अतिक्रमण हटवाने के आदेश के बदले रिश्वत की मांग कर रहा था।
20 हजार रुपये की मांग, 10 हजार में तय हुआ सौदा
पोहरी तहसील के ग्राम बरईपुरा निवासी किसान अतर सिंह धाकड़ ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी कृषि भूमि पर ओमप्रकाश शाक्य और अन्य लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। इस अतिक्रमण के कारण नाले का पानी रुक गया और किसान की फसलें बर्बाद होने लगीं।
किसान ने 26 जुलाई 2024 को तहसीलदार निशा भारद्वाज को शिकायत दी थी। जांच में अतिक्रमण की पुष्टि हुई, लेकिन बाबू पुनीत गुप्ता ने आदेश जारी करने के एवज में किसान से 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। किसान द्वारा रकम घटाने की बात कहने पर बाबू 10 हजार रुपये में राजी हो गया।
लोकायुक्त ने रची सटीक योजना, रंगे हाथों धर दबोचा
किसान अतर सिंह ने 10 जून 2025 को लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाया और किसान को शुक्रवार को रुपये के साथ बाबू के पास भेजा। जैसे ही बाबू ने रिश्वत की रकम हाथ में ली, लोकायुक्त टीआई कवीन्द्र सिंह चौहान के नेतृत्व में टीम ने उसे मौके पर ही पकड़ लिया।
15 सदस्यीय टीम ने दी दबिश
इस कार्रवाई में टीआई कवीन्द्र सिंह चौहान, निरीक्षक बलराम सिंह राजावत, अंजली शर्मा सहित 15 सदस्यों की टीम शामिल रही। लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामले की आगे की जांच जारी है।