होम देश / विदेश मध्यप्रदेश राजनीति धर्म/अध्यात्म ऑटोमोबाइल सरकारी योजना खेल समाचार
By
On:

खाद लेने किसान बने विधायक : हेलमेट पहन लाइन में खड़े होकर उजागर की अव्यवस्था, अफसरों की खुली पोल

शिवपुरी | शिवपुरी जिले की ...

[post_dates]

Sub Editor

Published on:

whatsapp

शिवपुरी | शिवपुरी जिले की पोहरी कृषि उपज मंडी में शुक्रवार को एक अनोखा और चौंकाने वाला नज़ारा देखने को मिला। यहां क्षेत्रीय विधायक कैलाश कुशवाह अचानक साधारण किसान के रूप में लाइन में खड़े दिखाई दिए। सिर पर हेलमेट, हाथ में टोकन की उम्मीद और आंखों में किसानों का दर्द—विधायक ने करीब एक घंटे तक भीड़ में खड़े रहकर सच्चाई को परखा।

यह कदम उन्होंने किसानों की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उठाया। जब उन्होंने खुद मौके पर पहुंचकर स्थिति देखी तो पाया कि मंडी में न कोई पुलिसकर्मी था, न कोई अधिकारी, न कोई व्यवस्था। किसानों को घंटों धूप में खड़े रहना पड़ रहा था और फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही थी।

सुबह 4 बजे से लाइन, फिर भी खाद नहीं – किसान बेहाल

विधायक कुशवाह के अनुसार, जब वे मंडी पहुंचे तो कई किसान सुबह 4 बजे से लाइन में लगे हुए थे। धक्का-मुक्की और अव्यवस्था इतनी थी कि किसानों को चोटें तक आईं। कोई पानी की व्यवस्था नहीं, न छांव का इंतजाम।

उन्होंने बताया, किसान भूखे-प्यासे खड़े हैं, लेकिन मौके पर कोई तहसीलदार, एसडीएम या पुलिस बल मौजूद नहीं था। प्रशासन की यह लापरवाही बेहद शर्मनाक है।

कुशवाह ने यह भी आरोप लगाया कि पटवारी किसानों को चेहरा देखकर टोकन दे रहे थे। यानी असली जरूरतमंद किसान घंटों लाइन में लगे रहने के बाद भी खाली हाथ लौट रहे थे, जबकि कुछ ‘चहेते’ लोगों को पहले से ही टोकन दे दिए गए थे।

विधायक ने किया कलेक्टर को फोन, कहा यह व्यवस्था किसानों का अपमान है

स्थिति देखकर नाराज़ विधायक कुशवाह ने वहीं से कलेक्टर को फोन कर अव्यवस्था की पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा, किसान इस देश की रीढ़ हैं, लेकिन मंडी में उनके साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है जैसे वे बोझ हों। न पानी है, न सुरक्षा, न कोई जवाबदेही। यह किसी भी प्रशासन के लिए शर्म की बात है।

कुशवाह ने कलेक्टर से तत्काल सुधार के आदेश देने और खाद की कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि कुछ विक्रेता निर्धारित दर से ज्यादा कीमत पर खाद बेच रहे हैं, जिससे गरीब किसान ठगा जा रहा है।

मैं खुद लाइन में खड़ा रहा, एक घंटे में तीन फीट ही आगे बढ़ पाया

विधायक ने बताया कि वे सुबह करीब 10:15 बजे मंडी पहुंचे और किसानों की तरह लाइन में लग गए। उन्होंने कहा,

मैं देखना चाहता था कि असल में किसानों के साथ क्या हो रहा है। एक घंटे तक लाइन में खड़ा रहा, लेकिन सिर्फ तीन-चार फीट ही आगे बढ़ पाया। इतनी धीमी रफ्तार देखकर समझ आ गया कि आज तो खाद मिलने से रही।

उन्होंने आगे कहा कि कुछ तेज-तर्रार लोग किसी तरह टोकन ले जा रहे थे, जबकि भले किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ा। मंडी परिसर में भीषण भीड़ थी और कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही थी।

अफसरों की नींद खुली, विधायक के फोन के बाद पहुंची पुलिस

विधायक कुशवाह ने बताया कि उन्होंने मौके से ही एसडीएम और टीआई को फोन कर बुलाया। टीआई ने कहा कि उन्हें सूचना ही नहीं थी, जबकि एसडीएम बोले कि उन्होंने तहसीलदार को सूचना देने को कहा था।

उन्होंने कहा, किसानों की भीड़ में धक्का-मुक्की हो रही थी, कुछ लोग गिरकर घायल हुए। तभी मैंने टीआई पोहरी को मौके पर बुलाया। बाद में पुलिस पहुंची, तब जाकर स्थिति थोड़ी संभली।

कुशवाह ने यह भी सुझाव दिया कि भीड़ को संभालने के लिए चार काउंटर शुरू किए जाएं, ताकि किसानों को राहत मिल सके।

 प्रशासन की सफाई – अब हालात नियंत्रण में, अगली बार बेहतर व्यवस्था

इस पूरे मामले में पोहरी के एसडीएम अनुपम शर्मा ने बयान दिया कि प्रारंभ में पुलिस बल की अनुपस्थिति से थोड़ी अफरा-तफरी मची थी, लेकिन अब हालात नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा,

आगे से मंडी में पर्याप्त पुलिस बल और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जिन किसानों को टोकन नहीं मिला है, उन्हें अगले वितरण में प्राथमिकता दी जाएगी।

विधायक का बड़ा सवाल – किसानों को राहत कब मिलेगी ?

विधायक कुशवाह ने कड़े शब्दों में कहा कि अगर यही हाल रहा तो किसान या तो खाद के लिए परेशान रहेंगे या महंगे दामों पर कालाबाजारी का शिकार बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन को तुरंत कार्यवाही कर वास्तविक किसानों तक खाद पहुंचाने की पारदर्शी व्यवस्था बनानी चाहिए।

कैलाश कुशवाह का यह ‘ग्राउंड चेक’ केवल एक घंटे का था, लेकिन उस एक घंटे ने किसानों की हकीकत को उजागर कर दिया।
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोलती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जिन किसानों के दम पर देश खड़ा है, वही आज सिस्टम की लापरवाही से जूझ रहे हैं।

अब देखना यह है कि विधायक के इस साहसिक कदम के बाद क्या प्रशासन जागेगा, या फिर किसान फिर से लाइन में खड़े रहकर उम्मीदों की खाद मांगते रहेंगे।

Join our WhatsApp Group
Sub Editor

मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
प्रमुख खबरें
View All
error: RNVLive Content is protected !!