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MP : छिंदवाड़ा के जहरीले सिरप कांड का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, चेन्नई से पकड़ा गया सरेसन फार्मा का मालिक

MP : छिंदवाड़ा में जहरीले ...

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MP : छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ पीने से 22 मासूम बच्चों की जान जाने के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस दर्दनाक हादसे के मुख्य आरोपी और सरेसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को गुरुवार तड़के पुलिस ने चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया।

नाटकीय ऑपरेशन में हुई गिरफ्तारी

पुलिस ने यह गिरफ्तारी गुरुवार सुबह करीब 1:30 बजे एक बेहद गुप्त और सटीक योजना के तहत की। छिंदवाड़ा पुलिस की एक विशेष टीम 5 अक्टूबर को ही चेन्नई पहुँच चुकी थी। इस दल में महिला अधिकारी, साइबर एक्सपर्ट और ड्रग इंस्पेक्टर शामिल थे। टीम ने रंगनाथन की हर गतिविधि पर निगरानी रखी और उनके ठिकाने की पक्की जानकारी मिलते ही यह कार्रवाई की।जानकारी के अनुसार, रंगनाथन और उनकी पत्नी घटना के बाद से फरार थे। बच्चों की मौत के बाद पुलिस की कई टीमों ने लगातार छापेमारी की थी। आखिरकार चेन्नई में मिली खुफिया सूचना ने उन्हें पकड़वाने में मदद की।

छापे में मिले महत्वपूर्ण दस्तावेज

गिरफ्तारी के तुरंत बाद पुलिस टीम ने कांचीपुरम स्थित सरेसन फार्मा के प्लांट पर छापा मारा। वहां से बड़ी मात्रा में कागजात, वित्तीय रिकॉर्ड और उत्पादन से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पुलिस अब चेन्नई की अदालत से ट्रांजिट रिमांड की मांग कर रही है, ताकि रंगनाथन को छिंदवाड़ा लाकर विस्तृत पूछताछ की जा सके।पुलिस ने बताया कि आरोपित की तलाश के दौरान उनके वाहनों, फोन रिकॉर्ड्स, बैंक खातों और निवास स्थानों की बारीकी से निगरानी की जा रही थी। इसी सूत्रधार से टीम उनके सटीक लोकेशन तक पहुंच पाई।

लापरवाही से हिली देश की संवेदना

22 मासूम बच्चों की मौत से जुड़े इस मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। घटना के बाद सरेसन फार्मा की लापरवाही और दवा निर्माण के नियमों की अनदेखी की गंभीर चर्चाएं उठीं। छिंदवाड़ा पुलिस ने फरार रंगनाथन की गिरफ्तारी के लिए पहले 20,000 रुपये के इनाम की घोषणा भी की थी।

सरेसन फार्मा पर बढ़ा संदेह

सरेसन फार्मास्यूटिकल्स की शुरुआत 1990 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में हुई थी। हालांकि, बाद में इसे कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के रजिस्टर से हटा दिया गया। इसके बावजूद कंपनी एक प्रोप्राइटरी फर्म के रूप में काम करती रही और दवाइयों के उत्पादन तथा हर्बल फॉर्मूलेशन के व्यवसाय में सक्रिय रही।इस खुलासे ने सरकारी निगरानी और नियामक प्रक्रियाओं की खामियों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना वैध पंजीकरण और निरीक्षण के ऐसी दवा कंपनियों का चलते रहना अब जांच के केंद्र में है।

हर कड़ी की होगी जांच

पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच में जुटी है। जांच का दायरा सिर्फ निर्माता तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि रासायनिक आपूर्तिकर्ताओं, स्टॉकिस्टों और मेडिकल प्रतिनिधियों तक फैलेगा। अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि जहरीले सिरप के इस नेटवर्क की हर परत खोली जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।यह गिरफ्तारी न केवल छिंदवाड़ा हादसे में न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि दवा निर्माण व्यवस्था में लापरवाही और अनियमितता को लेकर एक गंभीर चेतावनी भी।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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