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MP News : दशहरे पर रावण नहीं, होगा शूर्पणखा दहन  समाजिक बुराइयों पर प्रहार का अनोखा आयोजन

MP News : दशहरे पर ...

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MP News : दशहरे पर रावण नहीं, होगा शूर्पणखा दहन  समाजिक बुराइयों पर प्रहार का अनोखा आयोजन

इंदौर (MP News): इस बार मध्य प्रदेश के इंदौर में दशहरा पर्व कुछ अलग ही अंदाज़ में मनाया जाएगा। जहां परंपरागत रूप से रावण दहन होता है, वहीं इस साल आयोजन समिति पौरुष ने “शूर्पणखा दहन” का कार्यक्रम तय किया है। आयोजकों का कहना है कि यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि समाज में मौजूद वास्तविक बुराइयों को उजागर करने का प्रयास है।

पति-हत्या के मामलों पर उठे सवाल

कार्यक्रम के संयोजक अशोक दशोरा ने बताया कि बुराई केवल पौराणिक कथाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे समाज में भी अलग-अलग रूपों में दिखाई देती है। हाल के वर्षों में पति की हत्या से जुड़े मामलों में पत्नियों की संलिप्तता बढ़ी है। इस प्रवृत्ति को रोकने और लोगों का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर आकर्षित करने के लिए रावण की जगह शूर्पणखा का प्रतीकात्मक दहन करने का निर्णय लिया गया है।

पोस्टरों में शामिल 11 महिलाओं के नाम

आयोजन के तहत देशभर की 11 महिलाओं के नाम और तस्वीरें जारी की गई हैं, जिन पर अपने पतियों की हत्या का आरोप है। इनमें मेरठ की मुस्कान, इंदौर की सोनम रघुवंशी, राजस्थान की हर्षा, जौनपुर की निकिता सिंघानिया, दिल्ली की सुष्मिता, मेरठ की रविता, फिरोजाबाद की शशि, बेंगलुरु की सूचना सेठ, देवास की हंसा, मुंबई की चमन उर्फ गुड़िया और औरैया की प्रियंका शामिल हैं।

इन महिलाओं के नामों को शूर्पणखा की मूर्ति के साथ जोड़ा जाएगा। आयोजकों के अनुसार, यह प्रतीकात्मक है और इसका उद्देश्य समाज में फैली इस नई प्रवृत्ति को बुराई के रूप में सामने लाना है।

पीड़ित परिवारों को आमंत्रण

इस आयोजन में उन परिवारों को भी आमंत्रित किया गया है, जिनके अपने इस अपराध के शिकार बने। बताया जा रहा है कि इंदौर की सोनम रघुवंशी के मामले से जुड़े पीड़ित परिजनों को भी कार्यक्रम में बुलाया गया है। इसके प्रचार के लिए शहरभर में बड़े पैमाने पर पोस्टर-बैनर लगाए गए हैं। ऑटो-रिक्शा और अन्य वाहनों पर भी पर्चे चिपकाकर लोगों को कार्यक्रम की जानकारी दी जा रही है।

आयोजन की रूपरेखा

कार्यक्रम की शुरुआत बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहे से होने वाले भव्य जुलूस से होगी। यह जुलूस शहर के कई हिस्सों से होकर महालक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड पहुंचेगा। शाम 6:30 बजे वहां शूर्पणखा और उसकी “सेना” की प्रतिमाओं का दहन किया जाएगा। जुलूस में पारंपरिक ढोल-नगाड़ों के साथ विशेष झांकियां भी होंगी, जिनमें शूर्पणखा और अन्य पात्रों का प्रदर्शन किया जाएगा।

जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस अनोखे आयोजन ने इंदौर में बहस छेड़ दी है। एक वर्ग का मानना है कि यह पहल समाज में फैली बुराइयों पर सीधे प्रहार करती है और लोगों को जागरूक करेगी। वहीं कुछ लोग इसे महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाने वाला कदम बता रहे हैं, जिससे विवाद बढ़ सकता है।

फिलहाल, यह तय है कि इस दशहरे पर इंदौर की शाम बाकी शहरों से अलग होगी और लोग एक नया, अनोखा और बहस छेड़ने वाला दृश्य देखेंगे।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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