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पन्ना की मजदूर महिला की किस्मत चमकी, एक ही हफ्ते में मिलें 8 हीरे

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पन्ना की मजदूर महिला की किस्मत चमकी, एक ही हफ्ते में मिलें 8 हीरे

पन्ना (मध्य प्रदेश)। हीरों की नगरी पन्ना से एक ऐसी खबर आई है जिसने एक साधारण महिला मजदूर की जिंदगी बदल दी है। बड़गड़ी गांव की रहने वाली रचना गोलदार को अपनी छोटी सी खदान से महज सात दिनों के भीतर 8 कीमती हीरे मिले हैं। इन हीरों की अनुमानित कीमत 4 से 5 लाख रुपये बताई जा रही है।

रचना गोलदार की मेहनत लाई रंग

रचना गोलदार ने हजारा मुद्दा क्षेत्र में सरकारी पट्टे पर खदान खोदी थी। किस्मत ने उनका साथ दिया और थोड़े ही समय में उन्हें एक साथ 8 हीरे हाथ लगे। रचना का परिवार पहले से ही हीरा खदान के काम से जुड़ा हुआ है। उनके पति भी यही काम करते हैं जबकि दो बेटे प्राइवेट नौकरी करते हैं और बेटी की शादी हो चुकी है।

रचना कहती हैं कि नीलामी से मिलने वाली रकम का उपयोग वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने और आगे भी खदान का काम बढ़ाने में करेंगी।

विशेषज्ञों ने बताई हीरों की गुणवत्ता

हीरा विशेषज्ञ अनुपम सिंह के अनुसार, रचना को मिले 8 हीरों में से 6 उच्च गुणवत्ता वाले जैम क्वालिटी हीरे हैं जिनका कुल वजन 2.53 कैरेट है। इनमें सबसे बड़ा हीरा 0.79 कैरेट का है। बाकी 2 हीरे ऑफ-कलर कैटेगरी में आते हैं।

नीलामी में जाएगी खेप

रचना गोलदार ने सभी हीरे हीरा कार्यालय में जमा करा दिए हैं। इन्हें आगामी नीलामी में रखा जाएगा। इस साल यह पहला मौका है जब एक साथ 8 हीरे जमा हुए हैं। इससे पहले अधिकतम 7 हीरे एक साथ जमा कराए गए थे।

सरकारी नियमों के मुताबिक, नीलामी के बाद जो भी कीमत तय होगी, उसमें से 12.5% राशि काटकर शेष रकम रचना को दी जाएगी। इस कटौती में 11% रॉयल्टी और 1% टीडीएस शामिल होता है।

हीरा पट्टा कैसे मिलता है

पन्ना में सरकारी जमीन पर खदान खोलने के लिए हीरा कार्यालय में आवेदन करना होता है। इसके साथ आधार कार्ड की प्रति, तीन फोटो और 200 रुपये का बैंक चालान जमा करना अनिवार्य है। लगभग 20 दिनों के भीतर खदान का पट्टा मिल जाता है।

अगर निजी जमीन पर खदान खोलनी हो तो जमीन मालिक की सहमति और लिखित समझौते की आवश्यकता होती है। शर्त यह है कि जमीन हीरा खनन क्षेत्र के नक्शे में दर्ज होनी चाहिए।

ऐसे निकलते हैं हीरे

पट्टा मिलने के बाद खदान का काम शुरू होता है। मिट्टी और पथरीली सतह को छानकर, धोकर और सुखाकर छनाई की जाती है। इसी प्रक्रिया में हीरे अलग हो जाते हैं। यह पूरा काम मेहनत और किस्मत दोनों पर निर्भर करता है।

कीमत तय करने का आधार

हीरे की कीमत उसके रंग, पारदर्शिता, कट और वजन पर तय होती है। पन्ना में आमतौर पर ई-ग्रेड जैम क्वालिटी के हीरे मिलते हैं जिनसे ज्वेलरी बनाई जाती है। वहीं, कम गुणवत्ता वाले इंडस्ट्रियल हीरे उद्योगों में ग्लास कटिंग और अन्य मशीनरी कार्यों में इस्तेमाल होते हैं।

पन्ना में मिलने वाले हीरे की कीमत 50 हजार रुपये प्रति कैरेट से लेकर 15 लाख रुपये प्रति कैरेट तक हो सकती है।

1961 से चल रही है नीलामी प्रक्रिया

पन्ना का हीरा कार्यालय 1961 से नीलामी की प्रक्रिया संचालित कर रहा है। हर तीन महीने पर नीलामी होती है जिसमें गुजरात, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद समेत कई राज्यों के व्यापारी हिस्सा लेते हैं।

नीलामी से पहले विशेषज्ञ हीरे की गुणवत्ता और वजन के आधार पर उसकी न्यूनतम कीमत तय करते हैं। इसके बाद बोली लगती है और अधिकतम कीमत देने वाले को हीरा बेच दिया जाता है। शेष राशि तुआदार यानी हीरा खोजने वाले को दे दी जाती है।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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