सागर जिले के जैसीनगर थाना क्षेत्र में हाल ही में एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया जिसने पूरे इलाके को चौंका दिया। एक गुमशुदा युवक की लाश जब गांव कंदेला के जंगल में मिली तो किसी को अंदाजा नहीं था कि इसके पीछे एक गहरी साजिश और रिश्तों की जटिलता छुपी होगी।
जंगल में मिली जब लाश तो उठे कई सवाल
दिनांक 28 जून 2025 को जैसीनगर पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम कंदेला के जंगल चौकी के पास एक अज्ञात व्यक्ति की लाश पड़ी है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जब तक टीम पहुंची शव बुरी तरह सड़ गल चुका था। सबसे बड़ी चुनौती थी पहचान करना क्योंकि न चेहरा साफ था और न कोई आईडी।
फिर भी पुलिस ने हार नहीं मानी। आसपास के थानों और जिलों में तुरंत कंट्रोल रूम और रेडियो संदेश के जरिए गुमशुदा लोगों की जानकारी मंगवाई गई। इसी बीच बेगमगंज थाना जिला रायसेन से एक गुमइंसान रिपोर्ट से मैचिंग की कड़ी जुड़ी। मृतक की पहचान हुई हल्के उर्फ भारत पिता तारासिंह कुशवाहा निवासी ग्राम भुरेरू। परिजनों ने पहने हुए कपड़े, अंगूठी और चांदी की चैन से शव की पहचान की।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोला कत्ल का राज
बीएमसी सागर में पैनल पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट ने जो खुलासा किया वो दिल दहला देने वाला था। भारत की हत्या बेरहमी से की गई थी पहले सिर पर भारी चीज से वार फिर गमछे से गला घोंटा गया और पेट पर धारदार हथियार से हमला किया गया। जैसे ही हत्या की पुष्टि हुई, जैसीनगर थाने में हत्या का केस दर्ज हुआ और अज्ञात आरोपियों की तलाश शुरू हुई।
साजिश की खुली परतें आरोपी ने बताई सच्चाई
पुलिस अधीक्षक सागर के निर्देश पर थाना प्रभारी शशिकांत गुर्जर के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनी। तकनीकी टीम मुखबिर नेटवर्क मनोवैज्ञानिक पूछताछ सब एक साथ शुरू हुआ। तभी मुखबिर से पुलिस को एक अहम सुराग मिला। गांव कंदेला के ही रोहित कुशवाहा को उठाया गया। सख्ती और मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ हुई तो रोहित टूट गया। उसने बताया कि पूरा खेल उसकी मौसी माया कुशवाहा ने रचा था।
माया के मृतक भारत से पिछले दो साल से संबंध थे। लेकिन एक साल से उनके बीच झगड़े जबरदस्ती और धमकियां शुरू हो गई थीं। भारत के जुल्म से तंग आकर माया ने अपने भांजे रोहित, मामा विष्णु पटेल और दोस्त गजब सिंह ठाकुर को भारत को रास्ते से हटाने के लिए तैयार कर लिया।
हत्या की रात जो हुआ
23 जून 2025 को माया ने भारत को फोन कर गांव बुलाया। कहा कुछ जरूरी बात करनी है। भारत आया तो कंदेला के जंगल में पहले से घात लगाए बैठे रोहित विष्णु और गजब ने उस पर हमला कर दिया। पत्थर से सिर फोड़ा गमछे से गला घोंटा और कुल्हाड़ी से पेट पर वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया।
कातिल इतने शातिर थे कि कत्ल के बाद भारत का मोबाइल छिपा दिया और पर्स को सड़क पर फेंक दिया ताकि पुलिस गुमराह हो जाए। लेकिन कड़ी जांच में पुलिस ने मोबाइल, हत्या में इस्तेमाल पत्थर, कुल्हाड़ी और गमछा भी बरामद कर लिया।
चार आरोपी सलाखों के पीछे
पुलिस ने रोहित कुशवाहा, विष्णु पटेल, गजब सिंह ठाकुर और साजिश की सूत्रधार माया कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया। चारों को कोर्ट में पेश कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस की तेज़ी ने रचा कीर्तिमान
सिर्फ 24 घंटे में इस अंधे कत्ल का राजफाश करने में जैसीनगर पुलिस ने तकनीक, त्वरित कार्रवाई और टीमवर्क से बेहतरीन मिसाल पेश की। इस सफलता में थाना प्रभारी शशिकांत गुर्जर के साथ-साथ उनकी टीम सउनि प्रवीण भलावी, प्रआर सतीश श्रीवास्तव, कृष्णकुमार यादव, सहयोग कुमार, सौरभ रैकवार और आरक्षक जितेन्द्र रजक, विनोद सिंह, काजी सईदउद्दीन, शशांक राजपूत, संदीप रैकवार तथा महिला आरक्षक तपस्या रजक और अनीता लोधी सभी ने अहम भूमिका निभाई।








