Sagar News : बीना न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार कुंडू ने सात साल पुराने जानलेवा हमले के मामले में अहम फैसला सुनाया। अदालत ने ग्राम शेखपुर निवासी 48 वर्षीय जगदीश को दोषी ठहराते हुए कुल सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई, साथ ही कई धाराओं में अतिरिक्त सजाएं और जुर्माने भी लगाए।अदालत का फैसलानिर्णय के अनुसार, भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (जानलेवा हमला) में जगदीश को सात साल का सश्रम कारावास और ₹2000 का अर्थदंड दिया गया।
इसके अतिरिक्त:धारा 506 भाग-2 (जान से मारने की धमकी) में दो साल का सश्रम कारावास और ₹1000 का जुर्माना।आर्म्स एक्ट की धारा 27 और 25(1-ए) में प्रत्येक के तहत पांच साल का सश्रम कारावास और ₹2000 का अर्थदंड।मुकदमे में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक अमित गोयल ने पैरवी की।
घटना की पृष्ठभूमि
अभियोजन के अनुसार, यह घटना 20 दिसंबर 2017 की है, जब फरियादी नितिन यादव ने बीना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसका और आरोपी निर्भय व जगदीश के परिवार के बीच पुराने विवाद चल रहे थे।घटना वाले दिन नितिन खेत में पानी चलाने गया था। लौटते समय निर्भय और जगदीश ने रास्ते में उसे रोककर झगड़ा शुरू कर दिया। बहस के दौरान निर्भय ने लाठी से नितिन की कमर पर प्रहार किया, जबकि जगदीश ने देशी कट्टे से गोली चला दी, जो उसके बाएं हाथ की हथेली में लगी। गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया और तुरंत थाने जाकर घटना दर्ज कराई।
जांच और फैसला
पुलिस ने विवेचना पूरी करने के बाद मामला अदालत में प्रस्तुत किया। पेश हुए साक्ष्य और गवाहों के बयानों से यह स्पष्ट हुआ कि हमला पुरानी रंजिश के चलते जानबूझकर किया गया था। इस आधार पर न्यायालय ने आरोपी जगदीश को दोषी ठहराते हुए कठोर सजा सुनाई।
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