Sagar news : फेद उल्लू को लेकर प्राचीन मान्यताएं और अंधविश्वास आज भी समाज में गहरे तक जड़े हुए हैं। मां लक्ष्मी का वाहन माने जाने वाला यह दुर्लभ पक्षी तांत्रिकों की नजर में हमेशा रहता है। दिवाली का समय आते ही ऐसे मामलों में और भी तेजी आ जाती है। इसी कड़ी में सागर के शास्त्री नगर स्थित एक सरकारी स्कूल में हाल ही में सफेद उल्लू घायल अवस्था में मिला।
गौर करने वाली बात यह रही कि उसके दोनों पंख गोंद और टेप से चिपके हुए थे, जिसकी वजह से वह उड़ान भरने में असमर्थ था। स्कूल के शिक्षक ने इस स्थिति की जानकारी पक्षी प्रेमी और रेस्क्यू करने वाले शैलेंद्र जैन को दी। वे तुरंत मौके पर पहुंचे और उल्लू को अपने घर ले आए।
शैलेंद्र जैन ने बताया कि उन्होंने लगातार दो दिनों तक उल्लू के पंखों से गोंद और टेप हटाने का प्रयास किया। पहले साबुन, शैंपू और पाउडर से सफाई की गई, लेकिन असर न होने पर आखिरकार केरोसिन का सहारा लेना पड़ा। धीरे-धीरे पंख ठीक हुए और तीसरे दिन उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया।
शैलेंद्र जैन का कहना है कि सफेद उल्लू बेहद दुर्लभ प्रजाति का पक्षी है। अज्ञानता और अंधविश्वास के कारण तांत्रिक इन पर बलि जैसी क्रूर प्रथाएं करते हैं। उनके नाखून, पंख और चोंच तक का इस्तेमाल तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है। इतना ही नहीं, कुछ लोग इन्हें लाखों रुपए में बेच भी देते हैं।
यह मामला सिर्फ एक रेस्क्यू की कहानी नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने की जरूरत की ओर भी इशारा करता है। ऐसे दुर्लभ और निर्दोष पक्षियों को बचाना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि अंधविश्वास और लालच की भेंट चढ़ने से इन्हें रोका जा सके।








