बीना ( सागर ) सागर जिले के कई स्कूलों में विज्ञान और गणित जैसे अहम विषयों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है क्योंकि शिक्षा विभाग ने नियमों की अनदेखी करते हुए सात शिक्षकों को जनपद शिक्षा केंद्र (BRC) में कार्यरत कर दिया है। ये सभी शिक्षक मूल रूप से स्कूलों में पढ़ाने के लिए नियुक्त हैं, लेकिन फिलहाल प्रशासनिक कार्यों में लगाए गए हैं, जिसके कारण ग्रामीण और शहरी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सीधा नुकसान हो रहा है।शिक्षकों का वेतन स्कूल से, काम बीआरसी मेंजानकारी के अनुसार, इन सात शिक्षकों का वेतन तो स्कूलों से ही आहरित किया जा रहा है, लेकिन उनकी सेवाएं बीआरसी कार्यालय में ली जा रही हैं। शिक्षा विभाग के आदेशों के मुताबिक यह कदम पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। जिन शिक्षकों को अटैच किया गया है, उनमें गणित के रणजीत सिंह राजपूत और विज्ञान के बलदेव सिंह कुर्मी, महेंद्र श्रीवास्तव, हीरालाल सहरिया, मुकेश दुबे, चंद्रकेश सिंह गौड़ और अजय सिंह शामिल हैं।
आदेश जारी, अमल नहीं
जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने दो दिन पहले ही सभी शिक्षकों का अटैचमेंट खत्म करने और उन्हें तुरंत उनके मूल विद्यालयों में वापस भेजने का आदेश जारी किया था। हालांकि, हकीकत यह है कि अब तक इन आदेशों का पालन नहीं हुआ है और सभी शिक्षक अभी भी बीआरसी में ही कार्यरत हैं। इससे यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या विभागीय निर्देशों की अनदेखी जानबूझकर की जा रही है।
वेतन रोकने की चेतावनी
सहायक संचालक नितीश दुबे ने स्पष्ट किया है कि अगर शिक्षक जल्द ही अपने स्कूलों में वापस नहीं लौटते, तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा। विभाग का मानना है कि नियमों के विपरीत अटैचमेंट से शिक्षा व्यवस्था पर नकारात्मक असर हो रहा है।
ग्रामीण स्कूलों में गहराता संकट
पहले से ही विज्ञान और गणित के शिक्षकों की कमी से जूझ रहे जिले के स्कूल अब और कठिन स्थिति में पहुंच गए हैं। जिन विषयों को छात्रों के बोर्ड परीक्षा परिणामों के लिए सबसे अहम माना जाता है, उन्हीं में पढ़ाई ठप पड़ती दिख रही है। ग्रामीण इलाकों में तो स्थिति और भी गंभीर है, जहां पहले से स्टाफ की कमी है और अब मौजूदा शिक्षक भी दफ्तरों में लगा दिए गए हैं।
बोर्ड परिणामों पर पड़ रहा असर
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह से योग्य शिक्षकों को कार्यालयी कार्यों में लगाने से न केवल छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है, बल्कि इसका सीधा असर जिले के बोर्ड परीक्षा परिणामों पर भी पड़ रहा है। पहले से ही विज्ञान और गणित के नतीजों में जिला पिछड़ रहा है, और वर्तमान हालात सुधार की जगह स्थिति को और बिगाड़ सकते हैं।
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