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Virel video डॉल्फिन हमले की खबर : सोशल मीडिया पर वायरल जेसिका रैडक्लिफ किलर व्हेल हमला वीडियो, जानिए इसकी पूरी सच्चाई…

Virel video डॉल्फिन हमले की ...

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Virel video डॉल्फिन हमले की खबर : पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो तेजी से फैल रहा है। वीडियो में एक डॉल्फिन शो के दौरान एक महिला को किलर व्हेल के ऊपर डांस करते दिखाया गया है। दर्शक तालियों से उसका उत्साह बढ़ा रहे होते हैं कि तभी व्हेल अचानक पलटकर महिला को अपने जबड़ों में जकड़ लेती है और पानी में खींच लेती है। दावा किया जा रहा है कि महिला का नाम जेसिका रैडक्लिफ है और इसी घटना में उसकी मौत हो गई।

लेकिन जब इस पूरे मामले की तहकीकात शुरू हुई, तो सच्चाई बिल्कुल अलग निकली।

चलिये पहले वायरल वीडियो देखते हैं…

https://x.com/janbadhon/status/1955538296555311288?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1955538296555311288%7Ctwgr%5E6e2225e0b70380b2f58b0ba1d13293eb639d8adc%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fd-3538266614122692560.ampproject.net%2F2507172035000%2Fframe.html

कोई जेसिका रैडक्लिफ नहीं, कोई पैसिफिक ब्लू मरीन पार्क नहीं

तथ्यों की पड़ताल में पता चला कि “जेसिका रैडक्लिफ” नाम की कोई मरीन ट्रेनर का रिकॉर्ड कहीं मौजूद नहीं है। इतना ही नहीं, जिस “पैसिफिक ब्लू मरीन पार्क” का नाम लिया जा रहा है, वह भी किसी मानचित्र या आधिकारिक डाटा में दर्ज नहीं है। यानी, वीडियो में दिखाई गई घटना के पीछे कोई वास्तविक व्यक्ति या स्थान मौजूद ही नहीं।

एआई का कमाल, हकीकत का छलावा

टेक विशेषज्ञों और फैक्ट-चेक वेबसाइट्स के विश्लेषण से सामने आया कि यह वीडियो पूरी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है। पानी की लहरों की हरकत, दर्शकों की प्रतिक्रिया और वीडियो की एडिटिंग—तीनों में ऐसे पैटर्न मिले, जो किसी असली फुटेज से मेल नहीं खाते। पहली नज़र में यह असली लगता है, लेकिन तकनीकी जांच में इसका कृत्रिम होना साबित हो गया।

आधिकारिक पुष्टि का अभाव

अगर यह घटना सच में हुई होती, तो मरीन पार्क प्रबंधन या स्थानीय प्रशासन की ओर से तत्काल बयान जारी होता। लेकिन इस मामले में न कोई बयान आया, न ही किसी समाचार एजेंसी ने इसकी पुष्टि की।

पुरानी सच्ची घटनाओं से जोड़ने की कोशिश

इस फर्जी वीडियो को 2010 में सीवर्ल्ड में ट्रेनर डॉन ब्रांच्यू और 2009 में एलेक्सिस मार्टिनेज की मौत जैसी वास्तविक घटनाओं से जोड़ा जा रहा है, ताकि यह अधिक विश्वसनीय लगे। हालांकि, उन मामलों में पुख्ता सबूत और आधिकारिक रिपोर्ट मौजूद थीं, जबकि इस बार महज़ एक मनगढ़ंत कहानी है।

क्यों वायरल होते हैं ऐसे वीडियो?

ऐसे कंटेंट आमतौर पर भावनाओं को झकझोरते हैं। समुद्री जीवों को कैद में रखने को लेकर पहले से ही लोगों में संवेदनाएं मौजूद हैं, और जब कोई चौंकाने वाला क्लिप सामने आता है, तो लोग बिना जांचे-परखे उसे शेयर कर देते हैं।

जेसिका रैडक्लिफ के नाम से फैलाया जा रहा किलर व्हेल हमला वीडियो पूरी तरह से नकली है। यह एआई तकनीक का इस्तेमाल करके बनाई गई एक रचनात्मक लेकिन भ्रामक क्लिप है। आज के दौर में, जहां डिजिटल तकनीक सच और झूठ के बीच की रेखा मिटा रही है, हर वायरल कंटेंट पर भरोसा करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच करना बेहद जरूरी है।

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मैं सूरज सेन पिछले 6 साल से पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूं और मैने अलग अलग न्यूज चैनल,ओर न्यूज पोर्टल में काम किया है। खबरों को सही और सरल शब्दों में आपसे साझा करना मेरी विशेषता है।
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