33 पटवारियों और 4 राजस्व निरीक्षकों का तबादला, वर्षों से एक ही तहसील में थे पदस्थ
भोपाल | राजधानी भोपाल में लंबे समय से एक ही तहसील या हल्के में पदस्थ 33 पटवारियों और 4 राजस्व निरीक्षकों को आखिरकार हटा दिया गया है। राजस्व विभाग की ओर से जारी सूची में इन सभी को नई जगहों पर पदस्थ किया गया है। यह कार्रवाई करीब आठ महीने पहले सांसद आलोक शर्मा द्वारा उठाए गए मुद्दे के बाद सामने आई है।
3 साल से एक ही जगह जमे थे अधिकारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन पटवारियों और निरीक्षकों में कई ऐसे नाम शामिल हैं जो 8 से लेकर 23 साल तक एक ही तहसील में कार्यरत थे। नियम के अनुसार, पटवारियों का हल्का तीन साल में बदला जाना चाहिए, लेकिन भोपाल जिले में कई कर्मचारी एक ही हल्के में सालों से जमे हुए थे।
सांसद ने उठाया था मामला, फिर भी अधूरी कार्रवाई
सांसद आलोक शर्मा ने प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप की उपस्थिति में सितंबर 2023 में हुई समीक्षा बैठक में यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने हुजूर, बैरसिया और कोलार तहसीलों के करीब 183 पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों की सूची कलेक्टर को सौंपी थी। इनमें से 84-84 अधिकारी हुजूर और बैरसिया तथा 15 अधिकारी कोलार तहसील से थे।
हालांकि, तबादले की सूची में उन नामों का आधा हिस्सा भी शामिल नहीं किया गया है जिन्हें सांसद ने हटाने की मांग की थी।
पटवारियों पर लगते रहे हैं आरोप
सांसद शर्मा ने बैठक में आरोप लगाया था कि कई पटवारियों और RI के कार्यालयों को भ्रष्टाचार के कारण बदनाम होना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि इनमें से कुछ अधिकारियों को वल्लभ भवन के वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। कई पटवारी खुद की ज़मीन और ज़मीनी सौदों में भी संलिप्त पाए गए हैं।
इनके नाम थे चर्चाओं में
सूत्रों के मुताबिक, लंबे समय से एक ही तहसील में पदस्थ रहने वाले अधिकारियों में भगवत सिंह धनगर, नरेंद्र बचोतिया, योगेंद्र सक्सेना, धर्मेंद्र सिंह कुशवाह, नासिर उद्दीन, महेश बंकरिया, मनोहर सिंह राजपूत, रेणू पटेल, सदाशिव गौड़, नीलिमा नागर, रमेश शर्मा, प्रदीप गौर, अर्चना भटनागर, जयेंद्र चंदेलकर, मंगलेश खंडेलवाल, मुकुल सराठे, प्रियंका सिलावट, दीक्षा शर्मा, अभिषेक शर्मा, अंकुर साहू, शिवाजी मिश्रा, आलोक इंदौरिया, प्रीति गुप्ता जैसे नाम सामने आए थे।
तबादलों के बाद भी कुछ नाम सूची में बरकरार
मंगलवार को जारी तबादला आदेश में इन नामों में से कुछ को ही स्थानांतरित किया गया है, जबकि शेष अधिकारी अब भी अपनी पूर्ववत तहसीलों में बने हुए हैं। इससे यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि कार्रवाई पूरी तरह निष्पक्ष और व्यापक हुई या नहीं।
भोपाल जिले में कितने पदस्थ
वर्तमान में भोपाल जिले में करीब 222 पटवारी और 35 राजस्व निरीक्षक कार्यरत हैं। नियमानुसार हर तीन साल में पटवारी का हल्का बदला जाना चाहिए, लेकिन यह नियम वर्षों से अनदेखा किया जा रहा था।
अब भी कई सवाल बाकी
हालिया तबादलों के बावजूद कई ऐसे अधिकारी अब भी अपने पुराने हल्कों में जमे हुए हैं, जिन पर पूर्व में शिकायतें दर्ज हुई थीं। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यह तबादले प्रक्रिया का पहला चरण हैं और आने वाले समय में और नामों पर निर्णय लिया जा सकता है।