रेपो रेट में कटौती के बाद सीतारमण ने पीएसबी से कहा,कर्ज देने में न झिझकें, अर्थव्यवस्था को मिले रफ्तार
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के प्रमुखों के साथ बैठक कर उन्हें अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाले सेक्टरों को कर्ज देने में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में की गई 50 आधार अंकों की कटौती का पूरा लाभ उठाना चाहिए और कर्ज देने में किसी भी तरह की हिचक नहीं दिखानी चाहिए।
बैठक में वित्त मंत्री ने बैंकों से वित्त वर्ष 2025-26 में लाभप्रदता की रफ्तार बनाए रखने पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल लाभ बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष से 26 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल की तुलना में बैंकों के लाभ में 37,100 करोड़ रुपये की सालाना वृद्धि दर्ज हुई है।
कर्ज वितरण बढ़ाने पर जोर
सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री को भरोसा है कि रेपो रेट में कटौती के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्ज देने में पीछे नहीं हटेंगे। बैंकों से कहा गया है कि वे चालू वित्त वर्ष में कर्ज वितरण के वृद्धि स्तर को बनाए रखें या इसे और बेहतर करने की दिशा में काम करें। इस कदम से बैंकिंग प्रणाली में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होने की संभावना है।
वित्तीय समावेशन को मिलेगी गति
बैठक के दौरान सीतारमण ने बैंकों को सरकार की योजनाओं में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का निर्देश दिया। इसमें किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम मुद्रा योजना, और तीन प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजनाएं — प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना (APY) शामिल हैं। इन योजनाओं की प्रगति की भी व्यापक समीक्षा की गई।
एनपीए पर लगाम और जमा बढ़ाने पर फोकस
वित्त मंत्री ने बैंक प्रमुखों को कम लागत वाली जमा राशि जुटाने के नए तरीके खोजने पर भी जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) के कम स्तर की सराहना की और उम्मीद जताई कि शीर्ष प्रबंधन इसे आगे भी नियंत्रित रखेगा।
सरकार को उम्मीद है कि बैंकों के सक्रिय सहयोग से अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी और सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेगा।