MP : सरपंचों के सम्मान में बड़ा सम्मेलन, सीएम शिवराज और पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने किए कई बड़े ऐलान…..
भोपाल के जंबूरी मैदान में सोमवार को आयोजित राज्य स्तरीय सरपंच सम्मेलन में प्रदेशभर से आए हजारों सरपंचों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सरपंचों से सीधा संवाद किया और पंचायतों को मजबूत बनाने से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अब समय आ गया है जब गांव की सरकार को पूरा सम्मान और अधिकार दिया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा अगर कोई सचिव काम नहीं करेगा, तो उसे हटाया जाएगा। सचिव और सहायक सचिव की औकात सरपंच के सामने कुछ नहीं है।
सरपंच के सामने कोई सचिव नहीं टिकेगा, सरकार आपके साथ है
सीएम शिवराज ने कहा कि यदि पंचायतों को लेकर कोई दिक्कत आती है, तो उसे सुलझाने की जिम्मेदारी खुद सरकार की है। उन्होंने कहा, सरकार कोई भी निर्णय ले, अगर उसके क्रियान्वयन में कठिनाई आती है, तो उसे दूर करना हमारा काम है। सरपंचों को निश्चिंत रहना चाहिए सरकार पूरी तरह उनके साथ है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश के नेतृत्व में विश्वास रखिए। आज जब लाल सलाम को विदाई दी जा रही है, तो जो भी देश के खिलाफ हैं, सबका अंत तय है।
दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए मौन श्रद्धांजलि
सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने दिल्ली में हाल ही में हुए ब्लास्ट में मारे गए निर्दोष लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखवाया और श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “हमें कल की घटना को भूलना नहीं है। हमें देश की सुरक्षा और शांति के लिए हर कदम उठाना होगा।
सीएम ने कहा कि भारत की प्रगति की रफ्तार आज पूरी दुनिया देख रही है, इसलिए देश के दुश्मन भी लगातार साजिशें रचते हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि गृह मंत्री इस विषय पर पूरी जानकारी साझा करेंगे।
सरपंचों को मिलेगा 25 लाख तक के कार्यों का अधिकार
पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सम्मेलन में घोषणा की कि अब सरपंचों को 25 लाख रुपये तक के कार्यों की मंजूरी देने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा, जब ये मांग हमारे पास आई थी, तो कई लोग सोच भी नहीं रहे थे कि ये संभव है। लेकिन हमने सरपंचों पर भरोसा जताया और अब उन्हें यह अधिकार दे दिया गया है।
24 नवंबर से भोपाल में त्रिस्तरीय पंचायत कॉन्फ्रेंस
मुख्यमंत्री ने बताया कि 24, 25 और 26 नवंबर को भोपाल में त्रिस्तरीय पंचायत सम्मेलन का आयोजन होगा। इसमें विकास योजनाओं, शहरीकरण और पंचायत-निकाय के आपसी तालमेल पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा, कई बार पंचायत और निकायों के बीच टकराव की स्थिति बनती है। इसलिए ऐसा मैकेनिज्म बनाना जरूरी है जिससे गांव भी विकसित हो और पंचायत की पहचान भी बनी रहे।
हर गांव में बनेगा शांति धाम, 2026 तक पूरा होगा लक्ष्य
सीएम शिवराज ने बताया कि प्रदेश में 2472 अटल पंचायत भवन, 1037 सामुदायिक भवन, 106 जनपद पंचायत भवन और 5 जिला पंचायत भवन स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा, हर गांव में शांति धाम (श्मशान भूमि) होना जरूरी है। 2027 के चुनावों से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी गांव बिना शांति धाम के न रहे। अतिक्रमण हटाने में पूरा प्रशासन पंचायतों के साथ खड़ा रहेगा।
2026 को कृषि उद्योग वर्ष घोषित करने की तैयारी
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार अब कृषि और ग्रामीण उद्योगों को मिलाकर दीर्घकालिक विकास योजना बना रही है।
उन्होंने घोषणा की कि 2026 को ‘कृषि आधारित उद्योग वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा।
“अगर किसानों के पास टमाटर या अन्य फसलें अधिक हैं, तो उन्हें फेंकने की नौबत नहीं आएगी। हम प्रोसेसिंग यूनिट लगवाकर टमाटर का पाउडर बनाएंगे, जिससे किसानों को नुकसान न हो,” सीएम ने कहा।
पंचायतों को नया गांव बसाने की आजादी
मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि विदिशा जिले में पंचायतों ने स्वयं की प्लानिंग से नया गांव बसाया है। उन्होंने कहा, इससे साबित होता है कि पंचायतें यदि चाहें तो आवासीय योजना से लेकर उद्योग तक हर स्तर पर परिवर्तन ला सकती हैं। सरकार उनके हर कदम में साथ है।
पंचायतों में रिकॉर्ड रूम अनिवार्य होगा
पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि अब हर पंचायत में रिकॉर्ड रूम (दस्तावेज़ कक्ष) होना अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा, “सरपंच अपने क्षेत्र के हर व्यक्ति को जानते हैं। पंचायत के पास गांव का इतिहास और वर्तमान दोनों सुरक्षित रहना चाहिए। अगर रिकॉर्ड सुरक्षित रहेंगे, तो नामांतरण या राजस्व विवाद जैसे मामलों में अधिकार भी वापस मिल सकेंगे।”
नामांतरण के अधिकार वापस क्यों हुए, मंत्री ने समझाया कारण
पटेल ने कहा, पहले पंचायतों के पास नामांतरण का अधिकार था, लेकिन जब रिकॉर्ड सुरक्षित नहीं रखे गए, तो वह अधिकार वापस लेना पड़ा। अगर हम खुद में सुधार नहीं करेंगे, तो अधिकार घटते जाएंगे। इसलिए पंचायतों में सही रिकॉर्ड व्यवस्था जरूरी है।
मनरेगा और अन्य योजनाओं में पारदर्शिता पर जोर
पंचायत मंत्री ने बताया कि मनरेगा के लंबित बिलों को नए पोर्टल पर अपडेट करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है। उन्होंने कहा कि जब तक पुराने बिलों का बैकलॉग खत्म नहीं होता, नए भुगतान शुरू नहीं होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि सरपंचों से जुड़ी शिकायतों पर अब बिना जानकारी लिए कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी और सहायक सचिवों की उपस्थिति सरपंच के प्रमाण पर ही तय होगी।
गौशालाएं, अतिक्रमण और वित्तीय प्रबंधन पर सख्त निर्देश
पटेल ने बताया कि प्रदेश में लगभग 1000 गौशालाएं बनी हैं, लेकिन कई जगह उनका संचालन सही ढंग से नहीं हो पा रहा। उन्होंने कहा कि आगे की योजनाओं में व्यावहारिक समाधान निकाला जाएगा।
उन्होंने कहा, श्मशान घाट की व्यवस्था और सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी गई है। दिसंबर 2026 तक जो पंचायतें यह काम पूरा नहीं करेंगी, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
सरपंच गांधीजी की परंपरा के उत्तराधिकारी हैं
कार्यक्रम के अंत में मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि पंचायत प्रणाली की नींव महात्मा गांधी ने रखी थी, जब गांव के लोग खुद अपने संसाधनों से विकास कार्य करते थे।
उन्होंने कहा, अब वित्तीय प्रबंधन हमारे पास है, अधिकार भी हैं। इसलिए जिम्मेदारी भी हमारी है। पंचायतें ही असली लोकतंत्र की जड़ हैं, और उनका सशक्त होना भारत के भविष्य के लिए जरूरी है।








