10 साल पहले मृत हुई महिला की आत्मा लेने अस्पताल आया परिवार ?
मंदसौर।जिला अस्पताल में अंधविश्वास से जुड़ी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लोग अस्पताल में अपने मृत स्वजन की आत्मा को घर ले जाने के लिए पूजा-पाठ कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि अस्पताल प्रशासन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठा रहा है।
सोमवार को नारायणगढ़ से एक परिवार अस्पताल पहुंचा। परिवार के सदस्यों ने बताया कि उनकी भाभी गुड्डीबाई की मौत 10 साल पहले इसी अस्पताल में हुई थी। तब से घर में लगातार परेशानियां चल रही हैं। परिवार का मानना है कि उनकी भाभी की आत्मा अस्पताल में ही रह गई है, जिसे अब पूजा-पाठ करके घर ले जाना जरूरी है।
परिवार के सदस्य गोपाल और कारूलाल भास्कर ने बताया, “भाभी की मौत के बाद से हमारे परिवार में समस्याएं बढ़ गईं। भाई की भी मृत्यु हो गई। किसी ने हमें सलाह दी कि भाभी की आत्मा को अस्पताल से घर ले आओ, तभी मुसीबतें कम होंगी। इसी वजह से हम यहां पूजा करने आए हैं।”
पूजा के दौरान अस्पताल के मुख्य द्वार पर काफी देर तक धार्मिक अनुष्ठान चलता रहा, लेकिन किसी भी कर्मचारी ने उन्हें रोका नहीं। इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉ. जीएस चौहान का कहना है कि सुरक्षा गार्डों को ऐसे मामलों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन घटनाएं फिर भी सामने आ रही हैं।
पिछले 7 साल में 17 बार हुए ऐसे मामले
जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल में इस तरह की घटनाएं साल 2018 से लगातार बढ़ रही हैं। पिछले सात वर्षों में अब तक 17 परिवार पूजा-पाठ करने आ चुके हैं। अस्पताल प्रबंधन इन मामलों को गंभीरता से नहीं ले रहा है, जिससे ऐसी गतिविधियां बिना किसी रोक-टोक के जारी हैं।
विशेषज्ञों की राय
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अंधविश्वास के चलते लोग मानसिक दबाव में आकर ऐसी गतिविधियां करते हैं। उन्हें सही दिशा में समझाना और जागरूक करना जरूरी है ताकि इस प्रकार की घटनाएं रोकी जा सकें।
सावधानी जरूरी
अस्पताल जैसे सार्वजनिक स्थानों में इस तरह के अंधविश्वासी कृत्य न केवल अन्य मरीजों के लिए असुविधा पैदा करते हैं, बल्कि यह अस्पताल की व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हैं। प्रशासन को चाहिए कि इस पर तुरंत ध्यान दे और सख्त निगरानी रखे।