भारत ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव के बीच अफगानिस्तान के प्रति अपना ठोस समर्थन व्यक्त करते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। विदेश मंत्रालय ने दो टूक शब्दों में कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को बढ़ावा देने और अपनी नीतिगत असफलताओं के लिए पड़ोसी देशों को दोषी ठहराने का काम करता आ रहा है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर संघर्ष की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है।
भारत का सख्त रुख: पाकिस्तान की नीतियों पर करारा वार
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि भारत तीन बिंदुओं को लेकर पूरी तरह स्पष्ट है।
पहला — पाकिस्तान आतंकी संगठनों को शरण और सहायता देता है।
दूसरा — अपनी आंतरिक नाकामियों को छिपाने के लिए वह हमेशा अपने पड़ोसी देशों पर आरोप लगाता है।
तीसरा – पाकिस्तान इसलिए भी परेशान है क्योंकि अब अफगानिस्तान उसके दबाव में आने के बजाय अपनी संप्रभुता और अधिकारों का उपयोग कर रहा है।
जायसवाल ने साफ कहा कि भारत अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर बने हालात पर बारीकी से नजर रखे हुए है। उनका कहना था कि मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति पाकिस्तान की कार्रवाइयों का नतीजा है।
अफगानिस्तान में हिंसा पर भारत की चिंता, नागरिकों की मौत की निंदा
भारत ने सीमा पर हुए संघर्ष में निर्दोष अफगान नागरिकों की मौत की निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता का पूरी तरह से समर्थन करता है। जायसवाल ने बताया कि भारत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत है और किसी भी प्रकार की हिंसा या आतंकी गतिविधि को अस्वीकार्य मानता है।
तनाव की जड़: पाकिस्तान के हवाई हमले और तालिबान की प्रतिक्रिया
यह पूरा विवाद उस समय और गहराया जब पिछले सप्ताह पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर कई ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिनमें राजधानी काबुल के पास भी हमले शामिल थे। पाकिस्तान का दावा था कि उसने इन हमलों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के कमांडरों को निशाना बनाया है। हालांकि, हमले के बाद तालिबान ने कहा कि वे अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेंगे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एक पाकिस्तानी तालिबान कमांडर को निशाना बनाए जाने की बात सामने आई थी, लेकिन उसने बाद में एक ऑडियो संदेश जारी कर बताया कि वह सुरक्षित है। इन घटनाओं के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
अमीर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा से मिला स्पष्ट संदेश
यह तनाव उस समय सामने आया जब तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने भारत का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान मुत्ताकी ने भारतीय अधिकारियों को आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी विदेशी देश, विशेष रूप से भारत, के खिलाफ नहीं किया जाएगा। मुत्ताकी के इस रुख को भारत ने सकारात्मक संकेत के रूप में देखा।
भारत का संदेश स्पष्ट: आतंकवाद बर्दाश्त नहीं होगा
भारत ने अपने बयान के जरिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह संकेत दिया है कि वह आतंकवाद के किसी भी रूप के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा रहेगा। पाकिस्तान को संबोधित करते हुए भारत ने यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद के सहारे विदेशी नीति चलाने की पुरानी सोच अब स्वीकार्य नहीं है।
रणधीर जायसवाल के बयान के बाद पाकिस्तान की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि भारत के इस दो-टूक रुख से पाकिस्तान बौखला गया है।
भारत का यह रुख न केवल पाकिस्तान के आतंकवाद प्रायोजन पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि नई दिल्ली क्षेत्रीय स्थिरता और अफगानिस्तान की स्वतंत्रता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अफगानिस्तान में किसी भी प्रकार की हिंसा की निंदा करते हुए भारत ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह शांति, संवाद और सहयोग के रास्ते पर ही विश्वास रखता है — न कि आतंक और धमकी की राजनीति पर








