सागर। शहर के सिविल लाइन मकरोनिया रोड पर हादसे अब आम बात हो चले हैं। सड़क पर जगह-जगह घूमते मवेशी और सावधानी के नाम पर नदारद चेतावनी बोर्ड इन दोनों के बीच शहरवासियों की जिंदगियां हर वक्त दांव पर लगी हैं। ताजा मामला बीती रात का है, जब भोपाल से दमोह की तरफ जा रहा एलपीजी सिलेंडर से लदा ट्रक अचानक डिवाइडर से जा भिड़ा। ट्रक में करीब 200 सिलेंडर लदे थे जरा सी चिंगारी भी पूरे इलाके को हिला सकती थी।
ड्राइवर मुनीर खान ने बताया कि वो हॉक कैंटीन के पास पहुंचा ही था कि अचानक सड़क के बीचोंबीच मवेशी आ गए। टक्कर से बचने के चक्कर में ट्रक का संतुलन बिगड़ गया और सीधा डिवाइडर पर चढ़ गया। किस्मत अच्छी थी कि ट्रक पलटा नहीं और सिलेंडर सही-सलामत रहे वरना हादसा कितना बड़ा होता, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।
घटना के बाद काफी देर तक ट्रक वहीं अटका रहा। बाद में क्रेन बुलाकर ट्रक को हटवाया गया और सड़क पर यातायात फिर से शुरू हो पाया। राहत की बात रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ लेकिन एक बार फिर सवाल वही खड़ा हो गया कि आखिर कब सुधरेगी सागर की ये सड़क ?
स्थानीय लोग बार-बार शिकायत कर चुके हैं कि इस रूट पर न तो संकेतक बोर्ड हैं। न ही स्पीड कंट्रोल के पुख्ता इंतजाम। ऊपर से मवेशी कभी भी सड़क पर आ जाते हैं। कई बार हादसों की खबरें भी अखबारों की सुर्खियां बन चुकी हैं। मगर जिम्मेदार महकमे के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।
लोगों का गुस्सा अब खुलकर सामने आ रहा है। उनका कहना है कि जब तक किसी बड़े हादसे में दर्जनों जानें नहीं चली जाएंगी, तब तक शायद कोई ठोस कदम नहीं उठेगा। सवाल ये है कि क्या सड़क पर चेतावनी बोर्ड लगाना, मवेशियों को सड़क से हटवाना और टूटी सड़कें दुरुस्त कराना इतना मुश्किल काम है ?
फिलहाल तो हालात यही हैं कि इस रास्ते से गुजरने वालों को खुद ही अपनी सुरक्षा का इंतजाम करना होगा। अगर आप भी कभी इस सड़क से गुजरें तो आंख-कान खुले रखें, क्योंकि यहां की लापरवाही की कीमत आपको अपनी जान से चुकानी पड़ सकती है।