खुरई: सरकारी स्कूल में प्राचार्य व पीटीआई की शराब पार्टी का वीडियो वायरल, ग्रामीणों ने स्कूल में जड़ा ताला
खुरई (सागर)। खुरई के गढ़ौला जागीर क्षेत्र स्थित संदीपनी सीएम राइज़ स्कूल में एक गंभीर और शर्मनाक मामला सामने आया है। स्कूल परिसर के अंदर प्राचार्य और पीटीआई द्वारा शराब पार्टी किए जाने के आरोप के बाद ग्रामीणों में भारी नाराज़गी फैल गई। शुक्रवार शाम घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों ने स्कूल पर ताला जड़ दिया और छात्र घंटों तक गेट के बाहर खड़े रहे।
प्राचार्य और पीटीआई पर शराब पार्टी का आरोप
सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार शाम करीब 6:30 बजे स्कूल के प्राचार्य आर.पी. नामदेव और पीटीआई संदीप सिंह ठाकुर को स्कूल के अंदर कथित रूप से शराब सेवन करते देखा गया। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों को पिछले कुछ दिनों से संदेह था कि स्कूल समय के बाद दोनों कर्मचारी परिसर में बैठकर शराब पीते हैं।
शुक्रवार को ग्रामीणों ने अचानक छापा मारा और दोनों को कथित रूप से शराब के साथ कमरे में बैठा पाया। उसी दौरान बिजली गुल हो गई। ग्रामीणों के कमरे में घुसते ही आरोप है कि दोनों ने सबूत मिटाने के लिए शराब फर्श पर फैला दी।
वीडियो वायरल, मौके पर भीड़ जमा
ग्रामीणों ने पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। वीडियो वायरल होते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया। कुछ ही देर में सैकड़ों ग्रामीण स्कूल के बाहर एकत्र हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पीटीआई के परिवार पर आरोप खुलासा करने वालों से मारपीट
घटना की खबर मिलते ही पीटीआई संदीप सिंह के परिजन भी स्कूल पहुंच गए। ग्रामीणों का आरोप है कि परिजनों ने वीडियो बनाने और मामला उजागर करने वाले दो ग्रामीणों के साथ मारपीट की। इससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया।
सूचना पर देहात थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत कराया। इसके बाद ग्रामीण मारपीट की शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
ग्रामीणों ने एक और गंभीर आरोप लगाया कि पीटीआई संदीप सिंह ठाकुर का कई महीने पहले ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन वह अब तक स्कूल नहीं छोड़ रहा था और यहां रुककर गलत गतिविधियों में लिप्त था।
शनिवार सुबह ग्रामीणों ने स्कूल में ताला बंद कर दिया। विरोध जारी रहने के कारण सैकड़ों छात्र स्कूल गेट के बाहर खड़े रहे और नियमित पढ़ाई प्रभावित हुई।
ग्रामीणों का कहना है कि वे चाहते हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कठोर कार्रवाई की जाए, तभी वे स्कूल दोबारा खोलने देंगे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी शैक्षणिक संस्थान में ऐसी हरकत अस्वीकार्य है और यह बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।








